सूरज देवल मे काठी राजपुत का बलिदान

सूरज देवल मे काठीयो का बलिदान विक्रम संवत 1748 वैशाख सूद ऐकम बीज एवं त्रिज मुगल सल्तनत की परंपरा के अनुसार, औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को पकड़ लिया और दिल्ली के सिंहासन पर कब्जा कर लिया। जैसे ही औरंगजेब गद्दी पर बैठा, उसने अपने भाइयों और भतीजों को मार डाला और मुगल सिंहासन का कोई उत्तराधिकारी जीवित नहीं छोड़ा। औरंगजेब ने मुगल परंपरा के खिलाफ कट्टर मुस्लिम रवैया अपनाते हुए लोगों को दो समूहों में विभाजित किया, हिंदू और मुसलमान। साथ ही मुस्लिम धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए औरंगजेब ने मुंडका, जजिया और यत्रू जैसे भेदभाव वाले हिंदू लोगों में अन्याय और भय की भावना फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। त्योहारों, धूप-ध्यान, आरती, सार्वजनिक धार्मिक गतिविधियों, जुलूसों, ब्राह्मणों द्वारा शास्त्रों का पाठ, सत्संग, भजन-कीर्तन, धार्मिक मेलों आदि पर प्रतिबंध लगाकर असंख्य पूर्वजों से अलंकृत घेघुर वडला जैसे सनातन धर्म को मिटाने के लिए नीति मुह बोली बहन। साथ ही उसने काशी-मथुरा में कई मंदिरों को ध्वस्त कर दिया और खुद को पाक मुस्लिम घोषित कर दिया। धर्म पर आधारित भेदभावपूर्ण राजनीति के का...